Monkeypox (Mpox) – “मंकीपॉक्स के लक्षण, इतिहास और बचाव के उपाय को जानें और सुरक्षित रहें!”

मंकीपॉक्स दुनियाभर में अपने पैर पसार रहा है जो साउथ अफ्रीका से शुरू होकर अब पाकिस्तान तक आ पहुंचा है। ऐसे में अब भारत सरकार भी अब एक्टिव मूड में आ चुकी है । लेकिन ऐसी वायरल डिजीज को रोकना सिर्फ सरकार की ही नहीं हमारी भी जिम्मेदारी है । कोरोना के बाद से ही अब लोग बहुत जागरूक हो चुके है तो आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम Mpox से संबंधित जानकारियां देने वाले है जो आपके बहुत काम आएगी। 

(Mpox) मंकीपॉक्स क्या है? (What is Monkeypox)

मंकीपॉक्स क्या है (What is Monkeypox)? यह सवाल आज के समय में बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। मंकीपॉक्स (Monkeypox), जिसे वर्तमान में Mpox के नाम से भी जाना जाता है, एक दुर्लभ लेकिन गंभीर वायरल संक्रमण है। यह वायरस पोक्सविरिडे परिवार के वायरस के कारण होता है, जो चेचक (Smallpox) के वायरस से संबंधित है। हालांकि मंकीपॉक्स (Mpox) चेचक जितना खतरनाक नहीं है, फिर भी यह एक गंभीर बीमारी है। यह वायरस मुख्य रूप से जानवरों से इंसानों में फैलता है और फिर इंसानों के बीच भी इसका संक्रमण हो सकता है।

मंकीपॉक्स वायरस का प्रसार इंसानों के बीच सीधे संपर्क, संक्रमित व्यक्ति की त्वचा के संपर्क, या संक्रमित जानवरों के काटने या उनके तरल पदार्थों के संपर्क में आने से हो सकता है। इसके अलावा, संक्रमित वस्तुओं जैसे कपड़े, बिस्तर, या अन्य सतहों के माध्यम से भी इसका प्रसार संभव है।

मंकीपॉक्स का इतिहास (History of Monkeypox)

मंकीपॉक्स का इतिहास (History of Monkeypox) पर नजर डालें तो इसका पहला मामला 1958 में सामने आया था, जब डेनमार्क के एक शोध प्रयोगशाला में बंदरों में इस वायरस का पता चला। इस घटना के कारण इसे मंकीपॉक्स (Monkeypox) नाम दिया गया। 1970 में कांगो (अब डीआर कांगो) में एक बच्चे में यह वायरस पाया गया, जो इंसानों में मंकीपॉक्स का पहला मामला था। इस घटना के बाद, मंकीपॉक्स के मामले अफ्रीका के अन्य हिस्सों में भी सामने आने लगे।

मंकीपॉक्स के सबसे ज्यादा मामले मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में पाए गए हैं, जहां यह बीमारी जंगली जानवरों में आम है। 2003 में, अफ्रीका के बाहर पहला मामला संयुक्त राज्य अमेरिका में सामने आया, जब संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से कुछ लोगों में यह वायरस फैल गया। इस घटना के बाद से, मंकीपॉक्स के प्रति जागरूकता बढ़ी और इसके रोकथाम के लिए प्रयास तेज हुए।

मंकीपॉक्स के लक्षण (Symptoms of Monkeypox)

मंकीपॉक्स के लक्षण (Symptoms of Monkeypox) वायरस के संपर्क में आने के 5 से 21 दिनों के बाद प्रकट होते हैं। प्रारंभिक लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान और ठंड लगना शामिल हैं। इन लक्षणों के साथ शरीर में कमजोरी और लिम्फ नोड्स (लसिका ग्रंथियों) में सूजन हो सकती है।

प्रारंभिक लक्षणों के 1 से 3 दिनों के भीतर, शरीर पर रैशेज (चकत्ते) उभर आते हैं, जो आमतौर पर चेहरे से शुरू होते हैं और फिर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं। ये रैशेज छोटे फफोलों के रूप में होते हैं, जो धीरे-धीरे पपड़ी बनाकर सूख जाते हैं। मंकीपॉक्स (Mpox) के ये फफोले बहुत कष्टदायक होते हैं और 2 से 4 सप्ताह तक रह सकते हैं।

कुछ मामलों में, मंकीपॉक्स (Mpox) के लक्षण बहुत गंभीर हो सकते हैं, खासकर उन लोगों में जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। संक्रमण के कारण श्वसन तंत्र, आंखों, और मस्तिष्क में भी समस्या उत्पन्न हो सकती है। बच्चों में इस बीमारी का प्रभाव अधिक गंभीर हो सकता है, और कभी-कभी यह जानलेवा भी हो सकता है।

मंकीपॉक्स से बचाव के उपाय (Precautions of Monkeypox)

मंकीपॉक्स से बचाव के उपाय (Precautions of Monkeypox) अपनाना बहुत जरूरी है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां इस वायरस का प्रसार अधिक होता है। यहां कुछ महत्वपूर्ण उपाय दिए गए हैं:

  1. जानवरों से संपर्क में कमी (Avoid Contact with Animals): मंकीपॉक्स (Monkeypox) वायरस जानवरों से इंसानों में फैल सकता है, इसलिए जंगली जानवरों के संपर्क से बचना चाहिए। खासतौर पर उन क्षेत्रों में जहां मंकीपॉक्स के मामले ज्यादा पाए जाते हैं, जैसे कि मध्य और पश्चिमी अफ्रीका। संक्रमित जानवरों के काटने या उनके तरल पदार्थों के संपर्क में आने से बचें।
  2. संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें (Maintain Distance from Infected Person): अगर किसी व्यक्ति को मंकीपॉक्स (Mpox) हो गया है, तो उससे शारीरिक संपर्क से बचें। संक्रमित व्यक्ति के उपयोग की हुई चीज़ों जैसे कि कपड़े, बिस्तर, और अन्य व्यक्तिगत सामानों का उपयोग न करें। मंकीपॉक्स वायरस त्वचा से त्वचा के संपर्क, बलगम, और अन्य तरल पदार्थों से फैल सकता है।
  3. स्वच्छता का पालन करें (Maintain Hygiene): मंकीपॉक्स (Mpox) से बचने के लिए स्वच्छता का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है। नियमित रूप से हाथों को साबुन और पानी से धोएं, और यदि साबुन उपलब्ध न हो, तो हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें। संक्रमित व्यक्ति के आसपास की सतहों को साफ और डिसइन्फेक्ट करें।
  4. मास्क का उपयोग (Use Mask): मास्क का उपयोग करना भी मंकीपॉक्स के प्रसार को रोकने में मददगार हो सकता है, खासकर भीड़भाड़ वाली जगहों पर। मास्क पहनने से वायरस के संचरण का खतरा कम होता है, खासकर तब जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है।
  5. मंकीपॉक्स का टीकाकरण (Vaccination for Monkeypox): मंकीपॉक्स का टीकाकरण (Vaccination for Monkeypox) एक महत्वपूर्ण उपाय है। चेचक के खिलाफ दिया जाने वाला टीका मंकीपॉक्स के खिलाफ भी कुछ हद तक सुरक्षा प्रदान करता है। वर्तमान में, कुछ नए टीके भी विकसित किए जा रहे हैं जो खासतौर पर मंकीपॉक्स के लिए बनाए गए हैं। अगर आप मंकीपॉक्स प्रभावित क्षेत्र में यात्रा कर रहे हैं, तो टीकाकरण कराने पर विचार करें।
  6. स्वास्थ्य अधिकारियों की सलाह (Follow Health Authorities): यदि आपके क्षेत्र में मंकीपॉक्स (Mpox) का प्रकोप है, तो स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों की सलाह का पालन करें। यदि आपको मंकीपॉक्स (Mpox) के लक्षण महसूस हों, तो तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करें और खुद को दूसरों से अलग करें ताकि संक्रमण न फैले।

निष्कर्ष (Conclusion)

मंकीपॉक्स (Mpox) एक गंभीर वायरस है जो इंसानों और जानवरों दोनों में फैल सकता है। इसके प्रसार को रोकने के लिए मंकीपॉक्स की जानकारी (Information about Monkeypox) और बचाव के उपाय (Precautions of Monkeypox) के प्रति जागरूकता फैलाना बहुत जरूरी है। मंकीपॉक्स (Mpox) से बचाव के लिए उचित सावधानियों का पालन और समय पर चिकित्सा सहायता आवश्यक है। मंकीपॉक्स वायरस की पहचान (Identification of Monkeypox Virus) और उसके उपचार (Treatment of Monkeypox) के लिए विज्ञान के नए शोध और प्रयास जारी हैं, जो इस बीमारी के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

मंकीपॉक्स के प्रसार को रोकने के लिए व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर सतर्क रहना जरूरी है। सरकार और स्वास्थ्य संगठनों द्वारा दी गई गाइडलाइन्स का पालन करके हम मंकीपॉक्स से खुद को और अपने समाज को सुरक्षित रख सकते हैं।

DISCLAIMER : ALL PUBLISHED INFORMATION ARE ONLY FOR KNOWLEDGE PURPOSE. THIS IS NOT ANY ADVICE AND SUGGESTION

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